Monday, 23 June, 2025
taru dharyu badhu thay chhe
तारुं धार्यु बधुं थाय छे, मने आजे ए समजाय छे ना हुं
कोइनो गर्व लहुं, तारा विश्वासे जीवाय छे ...
हूं शाने कहुं, के आ मुजथी थयु, तारी करुणा छे अनहद,
ने फळ में लह्यु; मारा मनमां प्रभु, कोई शुभभावना,
ते जगाडी छे त्यारे, आ सघळु थयुं. तारा नामे बधुं थाय
छे, लोको मारा गुणो गाय छे. ना हूं ...
हुं सफळ थाउं तो, एमां तारी कृपा, तारा आशिष प्रगट
छे छता ये छुपा; हु छकी ना जउं, ए खबर राखजे,
कोई पण रीते संभाळी ले शतरूपा; तारी करुणा तो
छलकाय छे, आंखो मारी भीनी थाय छे. ना हूं ..
मारुं हैयु प्रभु, करे चिंता घणी, तमे समजावो एने हे
चिंतामणी; वितेलो समय भले जेवो गयो,
हवे राखो उदय ने तमारो गणी. मारुं अणगमतुं कई थाय
छे, एमां मारुं भलुं थाय छे. ना हूं ...