Personal menu
Search
You have no items in your shopping cart.

तुमको नमन नमन तुम्हे स्वामी

(तर्ज- सुनरी पवन चले पुरबइया)

तुमको नमन नमन तुम्हे स्वामी 
हमको सहारा है तुम्हारा दो किनारा त्रिशला के लाडले 

साधन नही कुछ है मेरे कैसे में गाऊँ गुण तेरे 
अज्ञान और बलहीन हूँ चरणों में आया हूँ तेरे 
बोले ये नन बार बार स्वामी हमको सहारा है तुम्हारा 

तु हैं दया सागर प्रभु हम पे दया कुछ कर प्रभु 
भूलों को मेरी मूल के छलका देवो गागर प्रभु 
आए है हम द्वार तेरे स्वामी हमको... 

नैया की तु पलवार है, तु ही तो खेवनहार 
पापों से भरी ये मेरी, नैया की तु पतवार हैं। 
भय सिंधु से लो उबार मुझे स्वामी हमको... 

काँटों सी माया को चुभन, करती दुखित मेरा मन 
युवक मण्डल को प्रभु चरणों में दे दो शरण 
विनंती मेरी यही है तुमसे स्वामी हमको..... 

Leave your comment
*