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वामादेवी के प्यारे

Vamadevi Ke Pyare, vamadevi ke pyare

वामादेवी के प्यारे, प्रभु अश्वसेन के दुलारे, (2)
ओ पारसनाथ.....
आपके चरनो मे,
हमसब का ...... वन्दन है।।

जलती अग्नी से नाग का जोडा, तुमने ही बचाया
महामन्त्र नवकार सुनाकर उन्को देव बनाया, (2)
हे शंखेश्वर वाले स्वामी, प्रभु तुम हो अन्तरयामी, (2)
ओ पारसनाथ....
आपके चरनो मे,
हमसब का ...... वन्दन है।।

बन जाओ तुम ठाकुर मेरे, मै सेवक बन जाऊ,
सेवक बनकर हरपल तेरा, दर्शन मै प्रभु पाऊ (2)
हे दयासिन्धु करुनाकर, हम धन्य हुये तुम्हे पाकर (2)
ओ पारसनाथ.....
आपके चरनो मे,
हमसब का ...... वन्दन है।।

अपने मन मन्दीर मे मै, तेरा ध्यान लगाऊ,
अपने मन दर्पण मे मै, तेरी ज्योत जगाऊ (2)
जब-जब धरती पर आऊ, तेरा ही शरना पाऊ (2)
ओ पारसनाथ.....
आपके चरनो मे,
हमसब का ...... वन्दन है।।

वामादेवी के प्यारे, तुम अश्वसेन के दुलारे, (2)
ओ पारसनाथ.....
आपके चरनो मे,
हमसब का ...... वन्दन है।।

Source - Vamadevi ke pyare | Vaibhav Soni

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