Wednesday, 11 October, 2023
Ai Maanav Usi Raah Chal
(तर्ज- ऐ मालीक तेरे बंदे हम)
ऐ मानव उसी राह चल, जो कि जाती है मुक्ति महल
तूं दया- दान कर और प्रभु ध्यान धर,
ताकि हो जाए जीवन सफल
यह स्वार्थ का संसार हैं, सबको दौलत से ही प्यार है
सुख दुख की घड़ी नहीं रहती खड़ी
फिर क्यों इतना अहंकार है
जग में होना है तुझको प्रबल, तो सदा रह धरम में अटल ॥1॥
तु दया दान कर
जो तूं दुखों से डर जायेगा, तब तो कुछ भी न कर पायेगा
नेकी करता तू पल और बुराई से टल
तेरी मंझील को तू पायेगा
नाम अरिहंत का लेता चल, तेरी मुश्किल हो जायेगी हल ॥2॥
तू दया दान कर
अपने दिल में यहीं ठान ले, महापुरुषों को बात मान ले
अपना कर्तव्य कर, मत कांटों से डर
इन्हें फूलों का हार जान ले
युवक मंडल कहे तू संभल, जीनवाणी पे करले अमल ॥3॥
तू दया- दान कर....