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Library > दीक्षा संयम स्तवन
मांगु प्रभु दीक्षा हवे

हुं जागतो ने मांगतो, दीक्षा प्रभु मने आपजो,
खोटा पथे दोड्यो घणो, संयम पंथे मने स्थापजो,
करुं प्रभु हुं विनंती, संसार बंधन कापजो,
मांगु प्रभु दीक्षा हवे, मने हाथ जाली चलावजो…

संयम पंथे विहार, संयम पंथे विहार…

गुरु चरणमां मस्तक मारूं,
गुरु समर्पण जीवन मार,
गुरु शरण आतम आधार,
संयम पंथे विहार, संयम पंथे विहार…

धन – धन ते मुनिवरा

धन – धन ते मुनिवरा रे, जे जिनआणा पाळे,
राग – द्वेषने दूर करीने, आतम शुद्धि साधे…
धन – धन मुनिवरा… धन – धन मुनिवरा…
देहनी सुखशीलताना योगे, भटक्यो भव अनंता