Library > शत्रुंजय स्तवन
सिद्धाचल ना वासी

सिद्धाचल ना वासी, विमलाचल ना वासी,
जिनजी प्यारा, आदिनाथ ने वन्दन हमारा
प्रभुजिनु मुखडु मलके,
नैनोमाथी वर्से अमीरस धारा,

मीठां आदिनाथ

मीठी पालडी गामनां मीठां आदिनाथ,
राजाओना राजा शोभे ऋषभजीनो ठाठ...
मीठी पालडी गामनां मीठां आदिनाथ..
कोई अलगारी योगी ए प्रभुजीने प्रगटाव्या, (2)

सिद्धाचलनो वासी प्यारो

सिद्धाचलनो वासी प्यारो
लागे, मोरा राजींदा…
ईण रे डुंगरीआ मां झीणी झीणी कोरणी,
उपर शिखर बिराजे… मोरा…

दादा आदेश्वर

अंतरनी अयोध्यानो राम छे,
मननी मथुरानो श्याम छे
दादा आदेश्वर नो दरबार छे,
शत्रुंजयनो शणगार छे… (१)

गिरिराज ना आदिनाथ

आदिनाथ दादा मारे हैये वसो ने,
हैये वसो ने मारे रोमे वसो ने
रोमे वसो ने मारे, मनडे वसो ने…
गिरिराज ना आदिनाथ,

कद म्हारो रिष भो घर आसी

सुन सुनरे, सुन सुनरे 2 म्हारा भरत लाडला 
कद म्हारो रिष भो घर आसी -कद म्हारो ...
सुन सुनरे... 
मां मरुदेवी थांरो रिषभ लाडलो 

माता मरुदेवी ना नंद

माता मरुदेवी ना नंद, माता मरुदेवी ना नंद, 
देखी ताहरी मूरति मारु, मन लोभाणुजी,
के मारुं दिल  लोभाणुजी
करुणानागर करुणासागर काया कंचन वान (2)

ऊँचा ऊँचा शत्रुन्जयना शिखरों सोहय

ऊंचा ऊंचा शत्रुंजयनां शिखरो सोहाय,
वच्चे मारा दादा केरा केरा जगमग थाय ...- ऊंचा.
दादा तारी यात्रा करवा, मारुं मन ललचाय (२),
तळेटीए शीश नमावी, चढवा लागुं पाय (२), - ऊंचा.

जैन स्तवन - दादा आदेश्वर दूर थी आव्यो दादा दर्शन दो

Jain Stavan – Dada Adeshwar Door Thi Aavyo Dada Darshan Do

 

आदिनाथ में तो पकड़ायो तारो हाथ मने देजो सदा साथ
आदिनाथ में तो पकड़ायो तारो हाथ मने देजो सदा साथ

व्हाला आदिनाथ में तो पकड्यो तारो हाथ,
मने देजो सदा साथ.. हो.. व्हाला आदिनाथ हो
आव्यो तुम पास.. लइ मुक्तिनी एक आश,
मने करशो ना निराश..