Library > शत्रुंजय स्तवन
सिद्धाचलनो वासी प्यारो

सिद्धाचलनो वासी प्यारो
लागे, मोरा राजींदा…
ईण रे डुंगरीआ मां झीणी झीणी कोरणी,
उपर शिखर बिराजे… मोरा…

दादा आदेश्वर

अंतरनी अयोध्यानो राम छे,
मननी मथुरानो श्याम छे
दादा आदेश्वर नो दरबार छे,
शत्रुंजयनो शणगार छे… (१)

गिरिराज ना आदिनाथ

आदिनाथ दादा मारे हैये वसो ने,
हैये वसो ने मारे रोमे वसो ने
रोमे वसो ने मारे, मनडे वसो ने…
गिरिराज ना आदिनाथ,