Personal menu
Search
You have no items in your shopping cart.
Library > शत्रुंजय स्तवन
सात जात्रा मैशप

लागी रे लागी रे लागी -3
लागी रे लागी रे लागी-3
लागी लगनवा छोड़ी न छुटे,
ऋषभ जिनन्द दयाल हो मोरी लागी लगनवा

आया दिन आखा तीज का हे आदिश्वरा

आदीनाथा मेरी अरदास है
तेरे दर्शन की प्यास है हो ... तेरे दर्शन की प्यास है
तू मेरी सांसे तू मेरी धड़कन
तेरे चरणो मे मै हूं अर्पण

शत्रुंजय में सजके बैठा

चाँद सितारे फूल और खुशबू ... (2)
ये तो सारे पुराने हैं,
शत्रुंजय में सजके बैठा,
हम उसके दीवाने हैं।

ऋषभजी बोलावे छे एना सपना आवे छे

ऋषभजी बोलावे छे, एना सपना आवे छे
जे एना थई जावे छे, एना ए थई जावे छे.
ऋषभजी बोलावे छे ...
सपनामां एनाथी वातो थाय; आंख खूले त्यां सौ पहेला देखाय,

गिरिराज आदिनाथ बैठे है

गिरिराज ... आदिनाथ ...
बैठे है ... मेरे भीतर में ... (3)
तीर जाऊ में भव समंदर से,
तीर जाऊ में भव समंदर से

सिद्धाचल दरबार झाझरमान लागे छे

सिद्धाचल दरबार झाझरमान लागे छे,
राजा ऋषभ देव महरबान लागे छे।
आज अनंता सिद्धोंनो एहसान लागे छे,
शाश्वत सुखना अही सम्मान लागे छे।

श्री आदिनाथ चालीसा

शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन को, करुं प्रणाम |
उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम ||
सर्व साधु और सरस्वती जिन मन्दिर सुखकार |
आदिनाथ भगवान को मन मन्दिर में धार ||

दादा आदेश्वरजी

दादा आदेश्वरजी, हो दादा आदेश्वरजी दूर थी 
आव्यो दादा दर्शन द्यो
कोई आवे हाथी घोड़े, 
कोई आवे चढ़े पालने ... (2)

व्हाला आदिनाथ

व्हाला आदिनाथ में तो पकड्यो तारो हाथ,
मने देजो सदा साथ .. हो .. व्हाला आदिनाथ हो
आव्यो तुम पास .. लइ मुक्तिनी एक आश,
मने करशो ना निराश .. हो .. व्हाला आदिनाथ हो ... (१)

प्रभुजी म्हारा

प्रभुजी म्हारा प्रेम थी नमु,
मूर्ति तारी जोईने ठरू।
अरे रे प्रभु पाप में कार्य,
शि थसे हवे म्हारी दशा।