Personal menu
Search
You have no items in your shopping cart.

गिरिराज आदिनाथ बैठे है

giriraj adinath baithe hai, giriraj

गिरिराज ... आदिनाथ ...
बैठे है ... मेरे भीतर में ... (3)
तीर जाऊ में भव समंदर से,
तीर जाऊ में भव समंदर से
गिरिराज ... आदिनाथ ...
बैठे है ... मेरे भीतर में ... (2)

अनंते सिद्धो को मे वंदन करूं,
आदिनाथ दादा का सुमिरन करूं (2)
सिद्ध अनंत तेरे तर कंकर में ... (2)
गिरिराज ... आदिनाथ ...
बैठे है ... मेरे भीतर में ... (2)

शांतिनाथ आदिनाथ पुंडरिक स्वामि,
जय तलेटी रायण पादुका को प्रणाम (2)
भाव चउते है शत्रुंजय शिखर में ... (2)
गिरिराज ... आदिनाथ ...
बैठे है ... मेरे भीतर में ... (2)

तेरे सामने ... ईक ईक कदम जो भरे,
तर कदम पे भवोभव के कर्म खरे (2)
ऐसी श्रद्धा है सभी के अंतरमें ... (2)
गिरिराज ... आदिनाथ ...
बैठे है .. मेरे भीतर में ... (2)

आये पूर्व निन्याणं दफे आदिनाथ,
मुक्ति पाये असंख्य, तेरी महिमा अथाग (2)
कही महिमा तेरी तो सीमंधरने ... (2)
गिरिराज ... आदिनाथ ...
बैठे है ... मेरे भीतर में ... (2)

मुक्ति प्राप्त करने केवलज्ञान वरूं,
शक्ति मेरी नही परमें भक्ति करूं (2)
अर्ह अर्ह बजे दिल वाजिंतर मे ... (2)
गिरिराज ... आदिनाथ ...
बैठे है ... मेरे भीतर में ... (2)

आत्म कमलमें लब्धि के फूल खीले,
पद्म 'अजित' संस्कार को विक्रम मीले (2)
डुबुं तेरे कृपारस निर्झरमें ... (2)
गिरिराज ... आदिनाथ ...
बैठे है ... मेरे भीतर में ... (2)

 

Source - Giriraj Adinath Baithe Hai

🙏 Prabhavana
Loading...
अपनी भावनाएं व्यक्त करें 🙏
*