Saturday, 28 June, 2025
shatrunjay me sajke betha, shatrunjay, shatrunjay mein
चाँद सितारे फूल और खुशबू ... (2)
ये तो सारे पुराने हैं,
शत्रुंजय में सजके बैठा,
हम उसके दीवाने हैं।
हो हो ..
मरुदेवा के नंदन प्यारे ... (2)
प्रथम जिनेश्वर हमारे हैं,
शत्रुंजय में ...
भक्तों पे बरसता प्यार जहाँ,
आँखों से झलकता स्नेह जहाँ। (2)
अद्भुत मुद्रा में बैठ प्रभु,
रखते भक्तों का ध्यान सदा।
पालीताना पावन भूमि ... (2)
दादा का दरबार लगा,
गिरिराज के दर्शन करने,
भक्तों का यहाँ ठाठ लगा ..
तुझको पाकर हम धन्य हुए,
तुझमें खोके मदमस्त हुए। (2)
तेरी ही प्रीत में हैं दादा,
दुनिया को जैसे भूल गए।
तुझ बिन जीवन की ये कल्पना ... (2)
कर सकना नामुमकिन है,
रोम रोम में नाम तुम्हारा,
अंकित कहे अर्ज़ी है ..
चाँद सितारे फूल और खुशबू ... (2)
ये तो सारे पुराने हैं,
शत्रुंजय में सजके बैठा,
हम उसके दीवाने हैं।
हो हो ..