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प्रभुजी म्हारा

Prabhuji mara, prabhuji mhara

 

प्रभुजी म्हारा प्रेम थी नमु,
मूर्ति तारी जोईने ठरू।
अरे रे प्रभु पाप में कार्य,
शि थसे हवे म्हारी दशा।
माटे ए प्रभु तमने विनवु,
तारजो हवे जिनजी ने स्तवु।
दीननाथ जी दुख कापजो,
भाविक जीव ने मोक्ष आपजो।
आदिनाथ जी स्वामी म्हारा,
गुण गावु छु नित्य तारा।
गुण गावु छु नित्य तारा।
गुण गावु छु नित्य तारा ...

 

Source -

Shasan Ratna Gun

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