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सिद्धाचल ना वासी

Siddhachal Na Vaasi

सिद्धाचल ना वासी, विमलाचल ना वासी,
जिनजी प्यारा, आदिनाथ ने वन्दन हमारा
प्रभुजिनु मुखडु मलके,
नैनोमाथी वर्से अमीरस धारा,
आदिनाथ ने वन्दन हमारा…
 
प्रभुजिनो मुखडु छे मलक मिलाकर,
दिल में भक्ति की ज्योत जलाकर, (2)
भजले प्रभुने भावे,
दुर्गति कदी ना आवे, जिनजी प्यारा,
आदिनाथ ने वन्दन हमारा… (1)

अमे तो माया नाछे विलासी,
तम तो मुक्ति पूरी न वासी, (2)
कर्म बंधन कापो मोक्ष सुख आपो,
जिनजी प्यारा, आदिनाथ ने वंदन हमारा, 
सिद्धाचल न वासी...(2)

Source - Siddhachal Na Vasi

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