Deepawali Stavan
मारग देशक मोक्षनो रे केवल ज्ञान निधान ।
भाव दया सागर प्रभु रे पर उपगारी प्रधानो रे ।
वीर जिन सिद्ध थया, संग सकल आधारो रे
हिव इन भरत मां, कुण करस्ये उपगारो रे ।
वीर जिन सिद्ध थया ।
नाथ विदुणा सैन्य ज्युं रे, वीर विदुणो रे संघ
साधे कुण आधार थी रे, परमानन्द अभंगो रे । वीर...
निर्यामक भव समुद्र नो रे, भव अटवी सत्थवाह
ते परमेश्वर बिन मिल्या रे, किम वाधे उच्छाहोरे। वीर...
मात बिहूणा बाल ज्युं रे, अरहा परहा अथड़ाय
वीर बिहूणा भविजना रे, आकुल व्याकुल थाय रे । वीर...
संशय छेदक वीरनोरे, विरह ते केम खमाय
जे देखी चित्र उल्लसे रे ते विन किम रहवाय रे । वीर...
वीर थका पिण श्रुत तनो रे, दूंतो परम आधार
हमणा श्रुत आधार छे रे, अथवा जिन पड़िमा सारो रे। वीर...
इन काले सब जीव ने रे, आगम थी आनन्द
ध्यावो सेवो भविजन रे, जिन पड़िमा सुख कन्दो रे । वीर...
गणधर आचारिज मुनी रे सहू ने इन विधि सिद्धि
भव भव आगम संगथी रे देवचन्द्र पद लीघो रे। वीर...