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गाओ मिलकर सारे

(तर्ज- साथी हाथ बढाना )

गाओ मिलकर सारे 2 
वीर प्रभु के चरण कमल में गुंजे गाण हमारे 
गाओ गाओ गुण गाओ रे.......  

भाव भक्ति से प्रेरित होकर, मनुआ गुण गुण गाये,
सुन्दर गीतों की ये अंजलि, बालक मिलकर लाये 
नाम रहे हम तेरा जीनवर, तेरे शरणे आयें 
सम्यक दर्शन पाकर आतम, मुक्ति पद को पाये,
गाओ …. 

देव -देवी नर नारी मिलकर, प्रभु के गुण को गाये
मधुर राम में गीत सुनाकर, सुन्दर रास रचाये,
गीत तराणे गावे मिलकर, शरण प्रभु की पायें 
भक्ति की नवज्योति जलाकर, मन ही मन हर्षाये 
गाओ......  

मंगल गीत गमण में गूंजे, घर घर होत बधाई, 
मानवता में मधुर " शांती" की बज जाये शहनाई
काटो सबके संकट सारे, दी न बन्धु हो न्यारे, 
नत मस्तक हो करे वन्दना, आये तेरे द्वारे, 
गाओ..... 

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