Friday, 27 June, 2025
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हे शंखेश्वर स्वामी,
प्रभु जग अंतर्यामी (२)
तमने वंदन करीये (२),
शिवसुखना स्वामी
हे शंखेश्वर ... ।।
मारो निश्चय एक ज स्वामी,
बनुं तमारो दास (२)
तारा नामे चाले (२),
मारो श्वासोश्वास
हे शंखेश्वर ... ।।
दुःख संकटने कापो-स्वामी,
वांछित ने आपो (२)
पाप अमारा हरजो (२),
शिवसुख ने देजो
हे शंखेश्वर ... ।।
निशदिन हुं मांगु छुं स्वामी,
तुम चरने रहेवा (२)
ध्यान तमारु ध्यावुं (२),
स्वीकारजो सेवा
हे शंखेश्वर ... ।।
रात-दिवस झंखुं छु स्वामी,
तमने मळवाने (२)
आतम अनुभव मांगु (२),
भव दुःख टळवाने
हे शंखेश्वर ... ।।
करुणाना छो सागर स्वामी,
कृपा तणा भंडार (२)
त्रिभुवनना छो नायक (२),
जगना तारण हार
हे शंखेश्वर ... ।।