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कुलपाक संग लगी प्रीतलड़ी (Mashup)

Kulpaak Sang Lagi Pritladi (Mashup) Lyrics

दादा तारी यात्रा करवा,
मारु मन ललचाय, मारु मन ललचाय
तु मने आदिनाथ एक वरदान आपीदे
जेनी किंकी काली छे, ने आंख रुपाली छे

तमे आंखे कर्यु अजन, पछी जीवन्त लागे छे
अनियाली तारी आंखडी जाणे कमल नी पांखडी
नीलुडाणु रायण तरु तले सुनासदरी 
विमलाचल जिनु वदिये कीजे ऐहनी सेवा

पीलुडा प्रभु ना पाय रे गुणमंजरी
मानु हाथे धर्म नु शिव तरु फल लेवा
आ भव मलियां मने पर भव मलजो
ऋषभ जिनंद दयाल रे मोहे लागी लगन

तने वंदन लाखो लाखों (२)
गिरिराज ना आदिनाथ मारा हैये वसो ने नाथ
आ कुलपाक तीर्थ छे मारो (२)
रहेशे मारा श्वासें आ जीवन तारु स्थान

चालों कुलपाकजी जईये, सहु भेटी पावन थईए
एकडे एक थी शरु करावे आदिधर भगवान रे
आ मारा आदिनाथजी (२)
धन्य अनन्य ए दृश्य सजाशी

तु खुब मने गमे छे आदिनाथ प्रभु
दक्षिण ना गिरिराज ने भावे कहुँ हूं वंदना
मारु हृदय प्रभु तारु मंदिर छे,
तु हृदय वसे ए मारी तकदीर छे

तारो ने मारो संबंध न्यारो
मीठो स्याद दइने ते तो मारा उधाउया नयन
बनो मारा सारथी हो आदिनाथ जी
हवे परवडें नहीं रहेवानु तारा थी दूर

मने लइजा प्रभु तारा धाम मा
आदि जिनवर साथ तारो भवो भव मलजो मने
रोम रोम नमे रोम रोम आदिनाथ परम आधार
सिन्द्धगिरी ने भेटवानो भाव जाग्यो रे

गिरिवर पर बेठ्या छे आदिनाथ भगवान
ओ मारा प्रभु आदिनाथ व्हाला
मने जन्म मळ्यो ए सफल करो
हैये धबके आंखो तरसे दादा ने मलवाने

कुलपाकजी तीर्थ ओ, राहे हमे बुलावे
पूजो कुलपाकजी रे (२)
सिन्द्धाचल गिरी नमो नमः विमलाचल गिरी नमो नमः
शत्रुंजय गिरी नमो नमः वंदन हो गिरिराज ने

मरुदेवा ना नंद प्रभु आदि जिनंद (२)
तू त्रिभुवन सुखकार, ऋषभ जिन (२)
सामु जुओने मारी सामु जुओने,
एक वार दादा मारी सामु जुओने

आदि जिनंद भेट्या आनंद आज मारे
हे प्रभु आदिनाथ खुब चाहु तने
पखिडा तू उडीने जाजे अष्टापद रे
मारी आंखों मां आदिनाथ आवजो रे

दादा ने तु जईने कहेजे दर्शन आपे रे
हु तो पापन ना पुण्ये वधावु
अखियां हरखन लागी
आ तीर्थ तो प्राण थी प्यारो छे

सघलूं  तने सौपी दिधु आदिधर भगवान रे
अमे अमारा ऋषभजी ने सोना थी सजावीशु
ऊंचा अम्बर थी आवो ने प्रभुजी
क्यारे मलशे मुजने आदि जिनंद

ऋषभजी शोभे केवा आबुजी ना धाम मा (२)
मारे तो करवानी, करवानी छे यात्रा (२)
तमे मन मुकीने वरस्या

तारा द्वारे थी बोलावनो मारा व्हाला आदिनाथ
अमे जनम जनम ना तरसया
तु रंगाइ जा ने रंग मा
दादा आदेश्वर जी हो दादा आदेश्वर जी

दूर थी आव्यो दादा दर्शन थी
माता मरुदेवी ना नंद (२)
देखि तारी मूर्ति मारु मन लोभाणु जी
नमो आदिश्वरम युगादि जिनेश्वरम

मारा हृदय नो एक ज नाद,
जय आदिनाथ जय जय आदिनाथ (२)
जय जय जय श्री आदिनाथ (४)
जब कोई नही आता, मेरे दादा आते है

ओ मारा आदेश्वर भगवान तमारु रूप भुलावे भान
सिद्धाचल नो वासी प्यारो लागे मोरा राजेन्द्र
शत्रुंजय गढ ना वासी रे मुजने माणजो रे
एक बार मुखडु बतावो आदिनाथ जी

ज्या तमारा मुख्य नो दर्शन थाय छे
ऋषभजी आव्या पूर्व नक्खाणु वास (२)
कुलपाकजी ना राजदुलारा गुणला गावु आज तमारा (२)
बोल बोल आदेश्वर व्हाला कहुं थारु मर्जी रे

व्हाला आदिनाथ में तो पकड्यो तारो हाथ
नमो अन्तयीमि नमो ऋषभ स्वामी
देवो पण कुलपाकजी तीर्थ नो,
जय जयकार करे (२)

कुलपाकजी नो जय जयकार,
आदेश्वर नो जय जयकार
कुलपाकजी ने वंदन, मानेक  स्वामी ने वंदन
ओ पालनहार हस्तगिरि वाले

आवजो मन मंदिरिऐ (२)
वंदन, आदि जिनंद ने करूं हूं वंदन
आ कुलपाकजी नी हे पावनता
कुलपाकजी नो शिखरो ने वंदन

वंदन करु वंदन आदेश्वर व्हाला
कुलपाकजी समो तीर्थ नहीं,
ऋषभ समो नही देव रे
आनंद रंग ऋषभ संग अनहद उमंग उपजायो 

ऋषभजी क्यारे मलशे हो क्यारे मलशे
आ कुलपाकजी नी गरिमा छे
माणेक स्वामी नी महिमा छे
व्हालम जी मारा (३) धजा नो करो तैयारी

आंगण उत्सव बनो आवो ऋषभजी (२)
कुलपाक संग लगी प्रीतडी (४)
रोमे रोमे कुलपाक गुंजे इससे क्षण क्षण रे,
चैतन्य देवीप्यमान आ मारा आदिनाथ न धाम छे

शुभं भव: श्रेयो भव: मंगलं भव: कल्याण भव: (१)
इहा मोक्ष गया कई कोटि रे, आदिश्वर अलबेलो रे।
अमने पण आशा मोटी रे, आदिश्वर अलबेलो रे
श्रद्धा सवगे भर्यो रे, आदिश्वर अलबेलो रे

श्रद्धा बिन कृपा दहा आवो रे, आदिश्वर अलबेलो रे।
जाणे दर्शन अमृत पीर्यो रे, आदिश्वर अलबेलो रे ।
गिरीवर मारो श्वास, आदिनाथ मारो विश्वास (२)
कृपामयी तारा नाम, उजड़े छे नवी सवार

मारो मुजरो त्यो ने राज साहिब आदि जिनेंद्र जी
कृपा कडे भव क्रोड ना, कर्म खपावे तेह
आज मारा कृपामयी सामु जुओने (२)
सथवार छे एक मारो, आधार छे एक बस

आगमण तारु आगमन (२)
वण भुवन मा अकल तीर्थ गिर शंभुजय महान (२)
चलो जड़ये कुलपाक (२)
माणेक स्वामी ना धाम, चालो जड़ये कुलपाक
यहाँ बार बार आना (४)

 

Source - Kulpakji Sang Lagi Pritaldi | 108 Song Mashup | Kulpakji Tirth Hyderabad | 6 Singers | 1400 years

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