Saturday, 21 June, 2025
O mara rupaala bhagwan
ओ मारा रूपाला भगवान, तमारू रूप भुलावे भान,
तमारो उजलो-उजलो वान, तमारू रूप भुलावे भान.....
तारी अणीयारी पंपण मां मने मोरपीलू देखातु,
तारा भाल-तीलक मा जाणे के मेध-धनुष विकशातु,
तारी प्रेम तणी पहेचान,
तमारू रूप भुलावे भान.....
कोइ हळवे-हळवे हाथे तारा अंग अंगने लु छे,
पेलु अंग लूछणुं पुछे तारा देह थी कोमल शु छे.
आ दुनीया छे कुरबान,
तमारू रूप भुलावे भान......
हुं कुल चठावुं तुजने तो कुल धणु शरमातु,
सौदंय तमारू नीरखी एनु अंगगुलाबी थातु,
तमारू दर्शन अमृत पान,
तमारू रूप भुलावे भान......
हे भुवन विमोहन स्वामी, त्रीभवन ने भले वीसारो,
पण उदयरत्न जंखे छे तारी आंख नो नेह-इसारो,
री वीनती धरजो कान,
तमारू रूप भुलावे भान......
Source - Mara Rupala Bhagvan | Jaydeep Swadiya | Panyas Udayratna Vijay Ji