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पर्व आया पर्युषण

parva aaya paryushan, paryushan

हो .. आया रे ..
पर्व आया पर्युषण,
के जैनियों का पर्व सुहाना,
महिमा बड़ी है महान,
के पर्व है ये सदियों पुराना।
ये है पर्वा धिराज,
पर्वो का सिरताज,
जैनियों की शान,
जिसपे सबको है नाज
सब .. के .. दिल ... में उमंग,
पलके बिछाकर के.
सजाये देखो घर और अंगना,
महिमा बड़ी है महान,
के जैनियों का पर्व सुहाना।।

मंदिर ये सज गये जिनवर के.
उपाश्रय में पड़े चरण गुरुवर के,
आठ दिनों के ये, पल है सुहाने,
भक्ति की मस्ती में, सब है दीवाने,
क्षमादान का ये पर्व,
जिसपे हमको है गर्व,
दिलबर दिल से मनाना,
पर्युषण महापर्व,
बीत ना जाये ये पल,
प्राची गाये दिल से भजन,
की भक्तो को भक्ति में झूमना।
महिमा बड़ी है महान,
के पर्व है ये सदियों पुराना।

हो .. आया रे ..
पर्व आया पर्युषण,
के जैनियों का पर्व सुहाना,
महिमा बड़ी है महान,
के पर्व है ये सदियों पुराना।
ये है पर्वा धिराज,
पर्वो का सिरताज,
जैनियों की शान,
जिसपे सबको है नाज
सब. के .. दिल ... में उमंग,
पलके बिछाकर के.
सजाये देखो चर और अंगना,
महिमा बड़ी है महान,
के जैनियों का पर्व सुहाना।।

 

Source- Parva Aaya Paryushan | Prachi Jain

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