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सिद्धाचलना शिखरोने वंदन

siddhachalna shikharone vandan, siddhachalna shikhrone vandan

कांकेर कांकरे थया सिद्ध अनंत, जाणी लो, जाणी लो।
भवि आतमने ज, मले छे आ तक माणी लो, माणी लो।।

तीर्थोमां जेने कीधु महातीर्थ छे, शत्रुंजय ए महा तीर्थ नुं नाम छे।

कांकेर कांकरे थया सिद्ध अनंत, जाणी लो, जाणी लो।
भवि आतमने ज, मले छे आ तक माणी लो, माणी लो।।

पूर्व नवाणुं वार, ज्यां पधार्या आदिनाथ,
एवो शाश्वत छे गिरिराज।
ए गिरिने भेटतां, थई जशे भवपार,
एवी श्रद्धा धरुं महाराज ...- २।
सिद्धाचलना शिखरोने वंदन, शत्रुंजयना शिखरोने वंदन ..- 2

तलेटी थी जात्रानी, करुं हुं शुभ शुरुआत,
दोडीने रामपोल पहोचुं, मले दादानो संगाथ-२
सात श्वासोल लइ, मूर्ति अंजन थइ,
एवा दादा बिराजे छे ज्या ... ।
भावथी जे चडे, एना कर्मो खपे,
भरतक्षेत्रनुं मोक्ष छे ज्यां ... ।।-२
सद्धाचलना शिखरोने वंदन, शत्रुंजयना शिखरोने वंदन.(4)

 

Source - Siddhachal Na Shikharo Ne Vandan | Piyush Shah

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