Personal menu
Search
You have no items in your shopping cart.

श्री शांतिजिन आरती

aarti, arti, shantijin, shantijeen, shree, shri shanti aarti

जय जय आरती शांति तुमारी,
तोरा चरणकमलकी में जाउं बलिहारी. जय०१

विश्वसेन अचिराजीके नंदा,
शांतिनाथ मुख पूनमचंदा. जय०२

चाळीश धनुष सोवनमय काया,
मृग लंछन प्रभु चरण सुहाया. जय०३

चक्रवर्ती प्रभु पांचमा सोहे,
सोळमा जिनवर जग सहु मोहे. जय०४

मंगल आरती भोरहि कीजे,
जन्म जन्मनो लाहो लीजे. जय०५

कर जोडी सेवक गुण गावे,
सो नर नारी अमर पद पावे. जय०६

अपनी भावनाएं व्यक्त करें 🙏
*