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तारी गमती वातो

Tari gamati vato

हे जीरावला तुं, मनमां समातो, मने याद आवशे, तारी
गमती वातो (२)

तारी आंगी उतरे, तुं लागेमजानो, ने आंगी चडे त्यां,
तुं लागे अजाण्यो, पळ पळ रुप पलटे, हर क्षण तुं मलके,
आ प्रेमरमतमां, मारी आंखो छलके, आ फरक हवे ना,
केमे भुलातो (२) मने याद आवशे ...

में चंद समय जे तुज साथे गाळ्यो, पण आंख खुली त्यां,
बस तुजने भाळ्यो, तने प्रेम करीने, अमे अहींथी जाशें,
आ रंगमहेलमा, हवे स्मित ने आंसु, आ विरह हवे ना,
अम थी खमातो (२) मने याद आवशे ...

मरुधरमां स्वामी, तुं शीतळ छायो, तुं भीड वचाळे, हुं
एक्लवायो, हुँ चरणकमळमां, प्रतिपळ रहेवानो,
तुं हृदयकमळमां, हरपळ रहेवानो, आ उदय कदी ना,
भूलशे आ रातो (२) ... मने याद आवशे ..

 

Source - Mane Yaad Aavse Tari Gamti Vato | Bhavesh Rajesh Sumaria

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