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दादा  तेरा  शुक्रिया
दादा तेरा शुक्रिया

करते हैं दादा, तेरा हर पल शुक्रिया,
खुशियां जो दी हैं, उसका भी शुक्रिया ।
हम तेरा दिया खाएं, तेरा ही गुण गाएं
जीवन दिया जो, उसका भी शुक्रिया ॥

दादा देने वाले हैं
दादा देने वाले हैं

दादा देने वाले हैं, हम लेने वाले हैं 
आज खाली हाथ नही जाना, जिसे चाहिये वो हाथ उठाना 
रोज रोज माँगने का झंझट ही छोड़ दो-२ 
जिसको जितना चाहिये वो, आज मुख से बोल दो। 

मेरे दादा का ठिकाना है
मेरे दादा का ठिकाना है

दादा तुमसे मिलने का, सत्संग ही बहाना है-२ 
दुनियाँ वाले क्या जाने, मेरा रिश्ता पुराना है-२ 
कलियों में ढूंढा तुम्हें, फूलों में पाया है होऽऽऽ-२ 
तुलसी के पत्तों में, मेरे दादा का ठिकाना है-२ 

दरबार गुरु के चले आना
दरबार गुरु के चले आना

खुल जायेगा किस्मत का ताला, दरबार दादा के चले आना। 
हो जायेगा तकदीर वाला, दरबार गुरु के चले आना।। 
चमत्कार ऐसा, मिला न मिलेगा। 
सभी करना तन मन से, दादा की सेवा। 

मिले न तुम तो जी घबराये

तेरे दर्श को जी ललचाए, देखूं तो झूमे गाये 
हमें गुरु मिल गये……. 
देहली के राजा तेरी अर्थी उठी ना माणिक चौक से 
शाही फरमान से भी हिल ना सकी हाथी के जोर से 

स्वतंत्र चाल

मेरा आपकी दया से, हर काम हो रहा है। 
करते हो तुम गुरुवर, मेरा नाम हो रहा है। 
मेरी जिंदगी में तुम हो, मेरे पास क्या कमी है। 
मुझे और अब किसी की दरकार भी नहीं है। 

थोड़ासा प्यार हुआ है

आसरा एक तेरा, एक तेरा सहारा 
सुनले फरियाद मेरी, मैंने तुमको पुकारा। 
जख्म जग ने दिया है, घाव किसको दिखाऊं। 
कोई अपना नहीं है, हाल किसको सुनाऊं। 

रात गुरु सपनें में आये

रात गुरु सपने में आये 
अखियाँ खुल गयी खुल गयी अखियाँ 
जिभर पहले दरस किया मैंने 
चरणों का अमृत रस पिया मैंने 

तुझे सूरज कहूं या चंदा

जब तक सांसे चलती है, गुरुवर की महिमा गाऊँ।
सपने में गुरु को देखूँ, जागूं तो दर्शन पाऊँ।
जब माया मोह में उलझा, मन ने मुझको भटकाया। 
गुरूदेव ने हाथ पकड़कर, मुझे सत्य का पथ दिखाया। 

अगर तुम मिल

अगर गुरु मिल जाये, हृदय को खोल देंगे हम, 
पाप जितने किये गुरुवर के, सम्मुख बोले देंगे हम 
किसी का ना बुरा सोचूँ, प्रतिज्ञा आज करता हूँ, 
किसी का ना बुरा बोलूँ, ये चिन्तन आज धरता