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दुनिया से मैं हारा

दुनिया से मैं हारा

Duniya Se Main Haara

Duniya se main haara

दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ।

सुख में प्रभुवर तेरी याद ना आयी,
दुःख में प्रभुवर तुमसे प्रीत लगाई ।
सारा दोष हैं मेरा, मैं करता हूं स्वीकार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ||1||
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार….
मेरा तो क्या हैं, मैं तो पहले से हारा,
तुमसे ही पूछेगा ये संसार सारा ।
डूब गई क्यों नैय्या, तेरे रहते खेवनहार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ||2||
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार….
सबकुछ लुटा है, बस लाज बची हैं,
तुमपे ही दादा मेरी आस बंधी हैं ।
सुना हैं तुम सुनते हो, हम जैसो की पुकार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ||3||

जिनको सुनाया ‘सोनू’, अपना फ़साना,
सबने बताया मुझे, तेरा ठिकाना ।
सब कुछ छोड़ के आखिर, आया तेरे दरबार,
यहां पे भी जो हारा, कहां जाऊ में सरकार ॥

दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहां पे भी जो हारा, कहां जाऊ में सरकार ।

 
अपनी भावनाएं व्यक्त करें 🙏
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Comments
Rishikesh
15/06/2021 1:06 pm

Jai adinath _/\_