लोगस्स उज्जोअगरे, धम्म तित्थयरे जिणे।अरहंते कित्तइस्सं, चउवीसं पि केवली ।।१।।उसभमजिअं च वंदे, संभवमभिणंदणं च सुमइ च।पउमप्पहं सुपासं, जिणं च चंदप्पहं वंदे ।।२।।
सामायिक को दूषित करने वाले कुल 32 दोष हैं,जिनमें 10 मन के, 10 वचन के, और 12 काया के दोष शामिल हैं।इन कार्यों से बचकर ही सामायिक की शुद्धता बनी रहती है,जिससे यह धार्मिक क्रिया प्रभावी और फलदायी हो सके।