सुन्दर मंदिर पार्श्वन म्हाने व्हालो लागे रे,
व्हालो लागे,व्हालो लागे व्हालो लागेरे...
मूल गंभारे पार्श्वनो रे, सुंदर मूरत श्याम
ऊपर चोर्मुखजीविराजे, प्रति वर्ष को ठाठरे
Library > पार्श्व भक्ति
जिन पार्श्वनाथ के सुमिरन से मिटता भव भव फेरा
है वंदन उनको मेरा
जहां धर्म ध्यान और विश्व शांति का निश दिन रहता डेरा
है वंदन उनको मेरा
मोरा पार्श्व प्रभु नल प्यार हो गया,
भइयों सच्ची मुच्ची, हो भइयों सच्ची मुच्ची
मोरा पार्श्व प्रभु
अहो वामा देवी का प्यारा हो प्यारा
जो पारस को याद करें, वो लोग निराले होते हैं.
जो पारस का नाम पुकारे वो किस्मत बाले होते है
चलो बुलावा आया है पारस ने बुलाया हैं २
ओ पार्श्व प्रभुवर के चरणों में भक्ति करने आया है
हे केशरिया पार्श्वप्रभु एक अरज सुनले ना
मुझमें जितने अवगुण है 2 बल्दी दूर कर देना
जगभग 2 ज्योति बरसे झलके अमीरस धारा है
रुप अनोपम नीरखी बिक से अंतरभाव हमारा है
थारों जनन मरण मिट जासी
थाने श्रसु पार लागासी
जीवड़ी आतम पद पा जास
जपलो पारस ने हो ..
है पार्श्व तुम्हारे द्वारे पर एक दर्श भिकारी आया है।
प्रभु दरशन भिक्षा पाने को दो नयन कटोरे लाया है |
नहीं दुनियाँ में कोई मेरा है आफत ने मुझको घेरा है।
एक सहारा तेरा है, जग ने मुझ को ठुकराया |
करले - करले रे दर्शनिया पाश्र्वं प्रभु की
तोरे कमों की बंधनिया, टूटे रे बावरीया २
पार्श्वनाथ की प्रतिमा प्यारी माता वामादेवी २
अश्वसेन के राजदुलारें जनम्या वाराणसी ॥१॥
पार्श्व जिणंदा वामाजी केनंदा, तुम पर वारी जाऊंबोल बोल रे,
हां रे दरवाजे तेरे खोल खोल रे, पार्श्व जिणंदा...
दूर दूर देश से, लंबी सफर से
हम दर्शन आए तोल तोल रे
शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करूँ प्रणाम।
उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम।।
सर्व साधु और सरस्वती, जिन मंदिर सुखकार।
अहिच्छत्र और पार्श्व को, मन मंदिर में धार।।