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Articles for '2021 मई'

अंतरिक्ष के पास प्रभुजी अब दरवाज़े खोलो तूम
अंतरिक्ष के पास प्रभुजी अब दरवाज़े खोलो तूम
छोटा सा है एक झरोखा दर्शन उससे होते है
श्री गौतम चालीसा
श्री गौतम चालीसा
श्री गौतम चालीसा अंगूठे अमृत वसे लब्धि तणा भंडार श्री गुरु गौतम सामरिए वांछित फल दातार ||
वैरागी ने वंदन
वैरागी ने वंदन

बनवा अणगार करवा भवपार...
बनवा अणगार करवा भवपार..
तोड्यो जेणे संसारनो बंधन
वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन...(2)
वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन...(2)

तेरी मिट्ठी | मेरे गुरु
तेरी मिट्ठी | मेरे गुरु

ओ मेरे गुरु अफ़सोस नहीं, जो तेरे लिए १०० दर्द सहे
मेह्फूस रहे तेरी जान सदा, चाहे जान मेरी यह रहे न रहे
ओ मेरे गुरु सबकुछ मेरे, मेरी नस नस में नवकार बहे
फीका न पड़े यह धर्म मेरा, जिस्मो से निकल के खून कहे