गुरुवार, 5 अगस्त 2021
हे प्रभु हे प्रभु, खुब चाहुं तने...(2)
आप दुरे रहो, ऐ न फावे मने...(2)
आंख श्यामल प्रभु, ने गुलाबी गाल छे...(2)
आभमां वादळा, एटलुं व्हाल छे
नाथ जोवा तने, देवो पण थनगने...(2)
आप दुरे रहो, ऐ न फावे मने....(2)
हे प्रभु हे प्रभु, खुब चाहुं तने...(2)
आप दुरे रहो, ऐ न फावे मने...(2)
आप दुरे रहो, ऐ न फावे मने...(2)
तारा होठे प्रभु, स्मित एवुं वसे...(2)
फूल पण जोईने, खुब मीठुं हसे
धूप कहे नाथ मने, आप राखो कने...(2)
आप दुरे रहो, ऐ न फावे मने...(2)
हे प्रभु हे प्रभु, खुब चाहुं तने...(2)
आप दुरे रहो, ऐ न फावे मने...(2)
तारा श्वासोनी, सुगंधने माणता...(2)
अेटले फूल शरमाई राता थता
फूल कहे नाथ अमे, छोड्युं मधुवनने...(2)
आप दुरे रहो, ऐ न फावे मने...(2)
हे प्रभु हे प्रभु, खुब चाहुं तने...(2)
आप दुरे रहो, ऐ न फावे मने...(2)