Personal menu
Search
You have no items in your shopping cart.

आ लौट के आजा मेरे वीर

(तर्ज - लौट के आजा मेरे मीत (रानी रूपमती) 

आ....... आ लौट के आजा मेरे वीर, हमें उपदेश सुना दे रे 
मेरी नैया पड़ी रे मझदार 2, उसे भवपार लगा दे रे 
आ लौट के आजा मेरे वीर 

बरसे गगन में बरसे नयन देखो तरसे है मन अब तो आजा 
जिन मंदिर में लगाये लगन हम जब दो दर्शन दिखा जा 
तुने भळा  रे किया उनकार हमें उपदेश सुना दे रे
आ लौट के आजा मेरे वीर... 

पलपल है मरना पलपल है जीना कैसा है कर्मों का फंदा 
लाख चौरासी भमियों प्रभुजी पाया नहीं छुटकारा 
ये धर्म न जाये भूल 2, हमें उपदेश सुना दे रे दे रे 
आ लौट के आजा मेरे वीर

Leave your comment
*