अब हम जाते हैं घर, झुकाकर सर 

ओ दादा प्यारा, आशिष का करों इशारा ॥ 

दिल तो जाने को नहीं करता, पर गये बिना भी नहीं चलता,

अब करूं तो कौन उपाय नहीं कोई चारा, आशिष का करो इशारा,

अब हम जाते है घर...॥१॥

 

आवे तब हर्ष हृदय होवे, जाते समय नयन रोए, 

बिछुड़न से नयन में बहती आंसु धारा, आशिष का करो इशारा,

अब हम आते हैं घर...॥२॥

 

कुछ हुई नही पूजा भक्ति, नहीं धन लगाने की शक्ति,

सिर्फ हाथ जोड़कर छोड़ रहा हूँ द्वारा, आशिष का करो इशारा,

अब हम जाते है घर...॥३॥

 

फिर जल्दी बुला दर्शन देना, खबर मेरी लेते रहना,

निश्चिंत रहूँ मैं तुम पर हर प्रकारा, आशिष का करो इशारा,

अब हम जाते है घर...॥४॥

 

गलती यदि कुछ हुई मेरी, कर देना भूल माफ मेरी, 

रहे मंडल आपके हुकुम का हलकारा, आशिष का करो ईशारा,

अब हम जाते हैं घर...॥५॥

- Stavan Manjari