वीर जिनेश्वर केरो शिष्य,
गौतम नाम जपो निशदिन,
जो कीजे गौतम नुं ध्यान,
तो घर विलसे नवे निधान...||1||
Library > प्रभु भक्ति
वीर जिणेसर चरण कमल, कमला कय वासो,
पणमवि पभणिसुं सामीसाल, गोयम गुरु रासो
मण तणु वयण एकंत करवि, निसुणहु भो भविया ॥
जिम निवसे तुम देह गेह गुण गण गहगहिया ॥ 1 ॥
कुशल करना कुशल करना, कुशल गुरुराज शासन में।
तुम्हीं हो शक्तिमय निज भक्त, विघ्नों के विनाशन में ||
महा अन्धेरे में सोते, निरख लो अपने भक्तों को।
उठाकर आप अब जल्दी, लिवा लाओ प्रकासन में ||
कोई दीजो-3 रे संदेश, म्हारा गुरुवर ने संदेश,
हिवड़े कुशल सूरी बस जाए...
अंखियां छम-छम आंसू बरसे, म्हारा नैन मिलन ने तरसे
दर्शन दीजो रे...2 गुरुदेवऽऽऽ-2
अजमेर का एक सितारा, चमका था आकाशों में 2
जैन संघ का बना था नायक, देखा सारे भक्तों ने ॥ध्रुव।।
था वो मसीहा इस दुनिया का, कोई कैसे भुलायेगा,
हरपल हर घड़ी इस मूरत को, इन नैनों में बसायेगा,
नन्हा सा फूल हूँ मैं
चरणों की धूल हूँ मैं
आया हूँ मैं तो तेरे द्वार,
प्रभुजी मेरी पूजा करो स्वीकार
मारा शामला छो नाथ प्यारा पार्श्वजी हो लाल
विनंती करूं कर जोड़ीने
नाग अग्निमांहेथी उगार्यों फूंको मंत्र धरणेन्द्र बनाव्यो
तेमतारी लेजे नाथ प्रभु हुं छु अनाथ।...विनंती
ऐ मानव उसी राह चल, जो कि जाती है मुक्ति महल
तूं दया- दान कर और प्रभु ध्यान धर,
ताकि हो जाए जीवन सफल
यह स्वार्थ का संसार हैं, सबको दौलत से ही प्यार है
आ....... आ लौट के आजा मेरे वीर, हमें उपदेश सुना दे रे
मेरी नैया पड़ी रे मझदार 2, उसे भवपार लगा दे रे
आ लौट के आजा मेरे वीर
बरसे गगन में बरसे नयन देखो तरसे है मन अब तो आजा
वीर भगवान तुझे शरण लोग करते हैं नमन
बिन की कार में हम गा रहे भक्ति सुमन
वीर भगवान तुझे शरण लोग करते हैं नमन
साज की आवाज पर हम गारहे श्रद्धा सुमन