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Library > प्रभु भक्ति
कदम कदम पर मोहे करम सताये

कदम कदम पर मोहे करम सताये
करम सताये हमें चैन न आय ...
इक तो प्रभुजी मोहे कर्म सतायें, लाख चोरासी भ्रमण कराये 
भ्रमण कराये स्वामी बड़ा तड़फाये रे ...

मन की लगन अब यहाँ

मन को लगन अब यहाँ 
जायेगा अब तू कहा 
मन में बसाले, दिल में छुपाले 
प्रभु की मूरत यहां 

उठ जा ओ सोये मानव

उठा जा ओ सोये  मानव उठ जा 
कौन है ठिकाना जीवन का 
फल में यहां से चला जायेगा 
हवा में क्यों उड़ जाय तिनका 

 

यह चादर भई पुरानी

यह चादर भई पुरानी, तू सोच समझ अभिमानी 
टुकड़े-टुकड़े जोरि जुगत सो, 
सींक अंग लपटानी। 
कर डारी मैलो पापन सौ,

प्रभु से कोई कह दे

प्रभु से कोई कह दे, कि तेरे रहते-रहते 
अंधेरा हो रहा, कि तुम हो वहां, तो मिलने को यहाँ 
कि भक्त गा रहा-प्रभु से 
फंसा हूं में कर्मों से,

नवकार गीत

महामंत्र हैं कैसा सुहाना 
अब गीत इसी के गाना 
मंत्र महासुखकारी है 
शुद्ध मन से ध्यान लगाना 

प्रभु की भक्ति में

कर ले भजन दिन रात, प्रभु की भक्ति में 
प्रभु की शक्ति में गुरु की भक्ति में      
सोना चांदी सारे महल रह जायेंगें, हाथी घोड़े 
मोटर बगीचे रह जायेंगे 

नवकार गान

हो मिमले मंत्र महान 
मंत्र गिनने से तेरा जल्दी हो जाये कल्याण
नवकार गान ....... 
गिन जरा गिन, की माला गिन जरा गिन 2 

वंदन हो हमारा

तेरा नाम है कितना प्यारा .....  अर्पण हैं ये जीवन सारा 
कुशल गुरु के चरण मे, वन्दन हो हमारा .. 
मैंने मैंने मैने तनमन तुम पर वारा, लेकर के अब शरण तुम्हारा 
कुशल गुरु के चरण मे, वन्दन हो हमारा 

संकट दूर करो

भगवान के चरणों मे 
आये हैं हम आज 
संकट दूर करो गुरु अब तो 
राखो हमारी लाज ॥धृ॥