आनंद दाता जीनवर, निहारो मोरी ओर
जूग जूग तोसे माता, ज्यो चन्दा और चकोर
मूरती सुहानी तोरी अमरती आंखें
किरती तिहारी उड़े, जदपि न पाखे
Library > प्रभु भक्ति
मिल गाये सभी नर नार
प्रभू को प्रतिष्ठा करो
अवसर यह मिले ना बार बार
प्रभु की प्रतिष्ठा......
जब जब प्रभुजी तोरा दर्शन होगा
जनम जनम ये पावन होगा
एक झलक तेरी ऽ पाये तो
शुद्ध ये जीवन होगा
मीठो मीठो बोल थारो काई बिगडे काई बिगड़े
थारो काई बिगडे
आ जीवन मा दम नही
कब निकले श्वास मालुम नही
तुमको नमन नमन तुम्हे स्वामी
हमको सहारा है तुम्हारा दो किनारा त्रिशला के लाडले
साधन नही कुछ है मेरे कैसे में गाऊँ गुण तेरे
अज्ञान और बलहीन हूँ चरणों में आया हूँ तेरे
पलक-पलक तोरी जाये उमरिया
जाके फिर ना आये उमरिया
है चंचल धारा सा जीवन
छाया मद में जैसे सावन
म्हारो मनडो रे ओ बाबा म्हारो मनड़ो रे
बाबा थाने ध्यावे है... 2 म्हारो मनड़ो रे
लाखो री सुनली नी बाबा तो म्हारी भी सुन लीजो
जगत देवा केवे है थाने परचो म्हाने दिजो
प्रभु पारस रा गुण गावें
अहिंसा परमों धरम सुणावें
करे ई दिल ने नहीं सतावें
भक्ती पारसरी ........2 ओ भक्ती पारसरी
जब जब प्रभु जो तोरा दर्शन होगा
जनम जनम ये पावन होगा
एक झलक तेरी पाये तो शुद्ध में जीवन होगा ॥ जब ॥
पतित पावन प्रमुजी अजर अमर हो
सुनलो अरज अब, म्हारी सांवरिया।
किन बिध पाऊं मैं थारी डमरिया |
थारे दर्शन रा ऐ प्यासा नैना ,
वाटडली थारी जोवे