Kya Main Boloon Tuhi Sambhal

मेरी बातें क्यों न सुने तूं , ये है मेरा सवाल
तेरी बातें क्यों न मैं मानूं , ये है तेरा सवाल रे 
क्या मैं बोलूं तूं ही संभाल

तेरी बात का मरम न समझूं

ऐसो री मैं अज्ञानी
कुछ ना किया है मैंने फिर भी
बनता फिरूँ अभिमानी
इस प्यासे को तूं जल दे
तकदीर तूं मेरी बदल दे
क्यां मैं बोलूं , सब तूं ही संभाल ||1||  

बंज़र पथ पर कैसे चलूं मैं
मुझ को चलना सिखा दे
खुशबू खुशबू चंदन जैसा  मुझ को जलना सिखा दे 
मेरी बाजी तूंही संभाले 
मेरा सबकुछ तेरे हवाले 
क्यां मैं बोलूं , सब तूं ही संभाल ||2||