तर्ज: ये देश है वीर जवानों का…

 

यह पर्व पर्यूषण जैनों का, अलबेलों का मस्तानों का,

इस धर्म का यारों २ क्या कहना, यह धर्म है जैनो का गहना,

हो हो ऽऽऽऽ हो ऽऽऽऽ 

 

यहाँ होती अठाई घर घर में, नित होती पूजा मंदिर में,

यहाँ लोग हजारों २ आते हैं, प्रभु दर्शन को जाते हैं,

हो हो ऽऽऽऽ यह पर्व.....॥१॥

 

यहाँ भक्त झूमते गाते हैं, पर्व की खुशियाँ मनाते है,

इस पर्व का यारो २ क्या कहना, पुण्य कमाते तुम रहना,

हो हो ऽऽ यह पर्व.....॥२॥

 

भादो का महिना आया है, भावों की बहार लाया है,

यहाँ लगती है होड़ 2 तपस्या की, बजती शहनाई शासन की,

हो हो ऽऽ यह पर्व.....॥3॥

 

प्रभु दर्शन को निज आते है, जिनवर की पूजा करते है,

यहाँ नीत-नीत मेले २ लगते है, प्रभुजी के दर्शन करते हैं,

हो हो ऽऽ यह पर्व.....॥४॥

 

जिन शासन की शोभा न्यारी है, हमें प्राणों से भी प्यारी है,

जिन शासन का २ है क्या कहना, सेलू मंडल का ये कहना,

हो हो ऽऽ यह पर्व ....॥५॥

- Stavan Manjari