ओ मेरे गुरु अफ़सोस नहीं, जो तेरे लिए १०० दर्द सहे
मेह्फूस रहे तेरी जान सदा, चाहे जान मेरी यह रहे न रहे
ओ मेरे गुरु सबकुछ मेरे, मेरी नस नस में नवकार बहे
फीका न पड़े यह धर्म मेरा, जिस्मो से निकल के खून कहे
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06 मई, 2021