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जुग जुग तोसे नाता

(तर्ज - सावन का महिना) 

आनंद दाता जीनवर, निहारो मोरी ओर 
जूग जूग तोसे माता, ज्यो चन्दा और चकोर 

मूरती सुहानी तोरी अमरती आंखें 
किरती तिहारी उड़े, जदपि न पाखे 
निरखत हरखे नैना, नैननवा की ओर जुग जुग ll1ll

कासे कहूँ में मोरी रामकहानी 
धरन बिना है गोरी अखीयां में पानी 
कारी रतिया छाई, कब होगी कह दो भोर जुग जुग ll2ll

तोरे बिरह में लगे कलेजा में ठेसवा 
भेजू नयनचल से लिख के संदेसवा 
जन्म जनम को बांधी, प्रिती की सांची ड़ोर जुग जुग ll3ll

बांध ले गुणों से अपने, पियारे जिनंदवा 
डुबती है नैय्या भव में तज के लंगरज्ञान विचक्षण ना हो, तो जाऊ कित ओर जुग जुग ll4ll

तोरे भरोसे से ये दुनियाँ भुलाई 
तु जो बिसारे तोहे रामदुहाई 
लोजो मोरी खबरीया रे प्यारे चितचोर जुग जुग ll5ll

 

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