Library > प्रभु भक्ति
यह पर्व पर्यूषण

यह पर्व पर्यूषण जैनों का, अलबेलों का मस्तानों का,
इस धर्म का यारों २ क्या कहना, यह धर्म है जैनो का गहना,
हो हो ऽऽऽऽ हो ऽऽऽऽ 
यहाँ होती अठाई घर घर में, नित होती पूजा मंदिर में

अब हम जाते हैं घर....

अब हम जाते हैं घर, झुकाकर सर 
ओ दादा प्यारा, आशिष का करों इशारा ॥ 
दिल तो जाने को नहीं करता, पर गये बिना भी नहीं चलता,
अब करूं तो कौन उपाय नहीं कोई चारा, आशिष का करो इशारा

है ये पावन भूमि यहाँ बार-बार आना

है ये पावन भूमि, यहाँ बार-बार आना, 
गुरुदेव के चरणों में, आकर के झुक जाना,
है ये पावन भूमि …
तेरे मस्तक मुकुट है, तेरी अंगिया सुहानी है

साधना पाना नही जीवन को

पाना नही जीवन को बदलना है साधना,
धुएं सा जीवन मौत है २ऽऽऽ, जलना है साधना, 
पाना नही जीवन को…
मुंड मुंडाना बहुत सरल है, मन मुंडन आसान नहीं

माला गीत : सुबह और शाम की फेरो एक माला

सुबह और शाम की प्रभु जी के नाम की। 
फेरो एक माला, हो हो फेरो एक माला ॥ 
सकल सार नवकार मंत्र यह परमेष्ठि की माला, 
नरकादि दुर्गति का सचमुच जड़ देती है ताला

सुख शांति की पुरवईया चले

सुख शांति की पुरवईया चले।
घर-घर में मंगल दीप जले॥ 
शुभ भावनायें ये फूले फले।
घर-घर में मंगल दीप जले॥

उड़जा, उड़जा, उड़जा रे  हँसा

उड़जा, उड़जा, उड़जा रे हँसा, 
खबर तो ला म्हारा महावीर की,
नील गगन का वासी रे हँसा 
खबर तो ला म्हारा महावीर की

वीर प्रभु माना

वीर प्रभु माना, अति बलवाना, 
वीर वीर रटियो रे, वीर मन बसियो रे 
वीर प्रभु माना.... 
जो कोई गावे, अर्जी लगावे

महावीर स्तुति: जय बोलो महावीर स्वामी की

जय बोलो महावीर स्वामी की। 
घट-घट के अंर्तयामी की। 
जय बोलो महावीर स्वामी की ॥ 
इस जगत का उद्धार किया

झीनी-झीनी उड़े रे गुलाल

झीनी-झीनी उड़े रे गुलाल, प्रभुजी के मंदिर में,
झीनी-झीनी उड़े रे गुलाल…
म्हे तो प्रभुजी को हवन कराऊं, २
झारी भर लाऊं मैं तो आज…