मुनि क्यारे बनीये, सुव्रत क्यारे लईए (२)
मुनिसुव्रत जेवा अमे क्यारे थईए (२)
मुनि क्यारे बनीये, सुव्रत क्यारे लईए (२)
मारग बताव्यो बताव्या छे तत्व,
Library > प्रभु भक्ति
मेवा मळे के ना मळे, मारे सेवा तमारी करवी छे,
मुक्ति मळे के ना मळे, मारे भक्ति तमारी करवी छे
मारो कंठ मधुरो ना होय भले, मारो सूर बेसूरो होय भले
शब्द मळे के ना मळे, मारे कविता तमारी करवी छे ...मुक्ति ...
प्रभु मांगुं तारी पास, मारी पूरी करजो आश मांगी मांगी
ने मांगी ने मांगुं एटलं, मने आवतो जनम एवो आपजे ...
हो .. मने आवतो जनम ...
जन्म महाविदेहमां होय, वळी तिर्थंकर कुळ होय
हे उपकारी! कृपा वरसावो .. सिद्धशीलाए मने तेडावो ...
राह जोउं ... राह जोउं, प्रभु आवशे ने लइ जाशे .... (२)
जन्मोनी प्रीति मारी आंखो बोले, आंसुओना सागर
छलके ... युगयुगना स्वामी तमे हैयुं बोले,
धन्य धन्य बनाविश जन्म माहरो, मने पंथ जड्यो छे दादा
ताहरो, जे पथ पर चाल्या स्वयं तीर्थंकरो,
ऐवो पंथ जड्यो छे दादा ताहरो. धन्य ...
कोइ कहशे के हैये मने डर हशे, कोइ कहशे के मुसकिल
दूर दूरथी तारा दरबारे आव्यो मळवा तने हुं दादा तारे द्वारे
आव्यो। मळजो हो दादा मळजो हो मळजो दादा रे।
मळजो हो मळजो दादा रे ... दादा रे दादा रे ...
तु छे समर्थ दादा एवु में जाणयु हुँ छु अज्ञानी काई वधु नव
मेरी झोपडी के भाग आज खुल जाएंगे प्रभुवर आएंगे,
प्रभुवर आएंगे आएंगे प्रभुवर आएंगे ...
प्रभुवर आएंगे तो अंगना सजाऊंगा दीप जला कर
दीवाली में मनाऊंगा मेरे जन्मो के पाप सारे धूल जाएंगे
तारे द्वारे आवी ने कोई खाली हाथे जाय ना करुना
निधान करुना निधान आ दुनियामा
कोई नथी रे तुझ सरीखो दातार। अपरम्पार दया
छे तारी तारा हात हजार। तारी ज्योती पामिने कोई
तारुं धार्यु बधुं थाय छे, मने आजे ए समजाय छे ना हुं
कोइनो गर्व लहुं, तारा विश्वासे जीवाय छे ...
हूं शाने कहुं, के आ मुजथी थयु, तारी करुणा छे अनहद,
ने फळ में लह्यु; मारा मनमां प्रभु, कोई शुभभावना,