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श्री बाहुबली चालीसा
श्री बाहुबली चालीसा नमूं सदा नवदेवता, मन मंदिर में धार। बाहुबली भगवान को, करके नमन हजार।।
ओ जगत के शांतिदाता
 
ओ जगत के शान्तिदाता, शांति जिनेश्वर,
                       जय हो तेरी...
 
 
किसको मैं अपना कहूं, कोई नज़र आता नहीं
इस जहाँ में आप बिन कोई भी मन भाता नहीं
तुम ही हो त्रिभुवन विधाता, शान्ति जिनेश्वर,
                      जय हो तेरी...
 
 
तेरी ज्योति से जहाँ में ज्ञान का दीपक जला
तेरी अमृत वाणी से ही राह मुक्ति का मिला
दो सहारा, मुक्ति दाता, शान्ति जिनेश्वर,
                     जय हो तेरी...
 
 
मोह माया में फंसा, तुमको भी पहिचाना नहीं।
ज्ञान है ना ध्यान दिल में धर्म को जाना नहीं
दो सहारा, मुक्ति दाता, शांति जिनेश्वर,
                     जय हो तेरी...
 
 
बनके सेवक हम खड़े हैं, स्वामी तेरे द्धार पे
हो कृपा तेरी तो बेडा, पार हो संसार से
तेरे गुण स्वामी मैं गाता, शान्ति जिनेश्वर,
                    जय हो तेरी...
 
 
ओ जगत के शान्तिदाता, शांति जिनेश्वर,
                    जय हो तेरी...
 
 
हे दाता हे प्रभु जी

 

हम कथा सुनाते नेमिनाथ राजुल की शादी की

पूनम नी छे रात। महेश मरू। जैन स्तवन
પૂનમ છે રાત દાદા દર્શન દેવા આવો રે(૨) મુખલડું બતાવો રે વિન હું જોડે હાથ
त्रिशला नंदन लो वंदन

 

 

सामायिक पाठ || जैन भजन
प्रेम भाव हो सब जीवों से, गुणीजनों में हर्ष प्रभो। करुणा स्रोत बहे दुखियों पर,दुर्जन में मध्यस्थ विभो॥ १॥
दादा तेरी तस्वीर
दादा तेरी तस्वीर सिरहाने रखकर सोते हैं यही सोचकर अपने दोनों नैन भीगोते है
विनय पाठ (इह विधि थाडो)
इह विधि ठाडो होय के, प्रथम पढ़ै जो पाठ; धन्य जिनेश्वर देव तुम, नाशे कर्म जु आठ.
दुनिया से प्यारा महावीर हमारा