जिनशासनमां जन्म धरी,
सार्थक कीधो अवतार,
हो जो जय जयकार
दिव्यात्मा तव हो जो जय जयकार
Articles for '2023 अक्तूबर'
बनवा अणगार करवा भव पार
बनवा अणगार करवा भव पार
तोड्यो जेणे संसार नो बंधन
वैरागी ने वंदन
वंदन तारा चरणमां तुं,
रागी मटी त्यागी पंथे जाय..
श्रमण बनी… नवकार मंत्रमां समाय…
सघळा संसारने भीतरथी विसरी..
चिठ्ठी खोलोने खोलोने चिठ्ठी खोलोने
करजो मंगल काम, देजो पावन नाम
सूरिजी ! मुखथी बोलोने… चिठ्ठी खोलोने…
चिठ्ठी मां शुभ नाम लख्युं छे,
एक कोर उभी माता, पालव पसरावीने,
लोच करजो, गुरूराया, धीरे धीरे, संभाळीने
एक कोर…
मारो बाळ सुकोमळ छे, एना केश मनोहर छे,
हुं जागतो ने मांगतो, दीक्षा प्रभु मने आपजो,
खोटा पथे दोड्यो घणो, संयम पंथे मने स्थापजो,
करुं प्रभु हुं विनंती, संसार बंधन कापजो,
मांगु प्रभु दीक्षा हवे, मने हाथ जाली चलावजो…
गुरु चरणमां मस्तक मारूं,
गुरु समर्पण जीवन मार,
गुरु शरण आतम आधार,
संयम पंथे विहार, संयम पंथे विहार…
धन – धन ते मुनिवरा रे, जे जिनआणा पाळे,
राग – द्वेषने दूर करीने, आतम शुद्धि साधे…
धन – धन मुनिवरा… धन – धन मुनिवरा…
देहनी सुखशीलताना योगे, भटक्यो भव अनंता
वीर जिनेश्वर केरो शिष्य,
गौतम नाम जपो निशदिन,
जो कीजे गौतम नुं ध्यान,
तो घर विलसे नवे निधान...||1||
जय जय जिनराया, स्वामी जय जय जिनराया ।
आरति करूं मन भाया, होय कंचन काया ॥ जय जय ॥
जय जगदीश्वर, अति अलवेशर, वीर प्रभुराया
पतितउधारण, भव भय भंजन, बोध बीज दाया ॥ जय 1॥