म्हारो मनडो रे ओ बाबा म्हारो मनड़ो रे
बाबा थाने ध्यावे है... 2 म्हारो मनड़ो रे
लाखो री सुनली नी बाबा तो म्हारी भी सुन लीजो
जगत देवा केवे है थाने परचो म्हाने दिजो
म्हारो मनडो रे ओ बाबा म्हारो मनड़ो रे
बाबा थाने ध्यावे है... 2 म्हारो मनड़ो रे
लाखो री सुनली नी बाबा तो म्हारी भी सुन लीजो
जगत देवा केवे है थाने परचो म्हाने दिजो
प्रभु पारस रा गुण गावें
अहिंसा परमों धरम सुणावें
करे ई दिल ने नहीं सतावें
भक्ती पारसरी ........2 ओ भक्ती पारसरी
जब जब प्रभु जो तोरा दर्शन होगा
जनम जनम ये पावन होगा
एक झलक तेरी पाये तो शुद्ध में जीवन होगा ॥ जब ॥
पतित पावन प्रमुजी अजर अमर हो
सुनलो अरज अब, म्हारी सांवरिया।
किन बिध पाऊं मैं थारी डमरिया |
थारे दर्शन रा ऐ प्यासा नैना ,
वाटडली थारी जोवे
जिनराया मेरे मन भाया ।
तुम बिन कोई न दिल भाया ॥
तू सब दुःख को हरता है
मोक्ष का मालिक कर्ता है
वीर भजले रे भाया वीर भजले
जरा सी ओहो। .. थोड़ी सी केहणो म्हारो मान
भाया वीर
मुट्टी बांध्यो आयो रे भाईडा , हाथ पसारयो जासी
मोरा तो मन हर लियो रे प्रभु तोरी मुरतीया
आये नजर नही जग मे– रे कोई ऐसी सुरतीया
मोरा तो मन
तोरे दरश बिन जियरा न माने
अजमेर वाले दादा दादा तेरी जय जयकार
जय जयकार
तुने मुझे प्यारे दादा
मैं आया में प्यारे दादा
हे शंखेश्वर पार्श्व जिनेश्वर, अर्जी सुनो हम लायें।
अर्जी सुनो हम लायें
हे शंखेश्वर
नाव पुरानी हैं, पार लगानी है
स्थाई
कठासु आयो मोती कढासु आयो हिरो
ठा भयो हे म्हारी चंदन बाई रो बीरो
शत्रुंजय सु आयो मोती