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हमें गुरु मील गये है

तेरे दरश को जी ललचायें देखूं तो झुमे गाये 
हमें गुरु मील गये है 2
दिल्ली के राजा तेरी अर्थी उठी ना मानक चौक से 
शाही फरमान से भी हिल ना सकी हाथी के जोर से 

यह चादर भई पुरानी

यह चादर भई पुरानी, तू सोच समझ अभिमानी 
टुकड़े-टुकड़े जोरि जुगत सो, 
सींक अंग लपटानी। 
कर डारी मैलो पापन सौ,

कैसे-कैसे अवसर में गुरु

कैसे-कैसे अवसर में गुरु 
राग- सहाना ताल 3 
कैसे- कैसे अवसर में गुरु, राखी लाज हमारी। 
मो को सबल भरोसो तेरो, चंद्र सूरि पट धारी ।

प्रभु से कोई कह दे

प्रभु से कोई कह दे, कि तेरे रहते-रहते 
अंधेरा हो रहा, कि तुम हो वहां, तो मिलने को यहाँ 
कि भक्त गा रहा-प्रभु से 
फंसा हूं में कर्मों से,

नवकार गीत

महामंत्र हैं कैसा सुहाना 
अब गीत इसी के गाना 
मंत्र महासुखकारी है 
शुद्ध मन से ध्यान लगाना 

नवकार गीत

महामंत्र हैं कैसा सुहाना 
अब गीत इसी के गाना 
मंत्र महासुखकारी है 
शुद्ध मन से ध्यान लगाना 

त्रिशला नंदन जय, जय भंजन जय स्तवन

त्रिशला नंदन जय जय भंजन 
दरश देना 2 
तेरे द्वार खड़ी प्रभु विनंती सुन लेना 
दर दर भटके जन्म जन्म से महावीरा 

प्रभु की भक्ति में

कर ले भजन दिन रात, प्रभु की भक्ति में 
प्रभु की शक्ति में गुरु की भक्ति में      
सोना चांदी सारे महल रह जायेंगें, हाथी घोड़े 
मोटर बगीचे रह जायेंगे 

पावन गुरु का दरबार है

पावन गुरु का दरबार है,
दादा बड़े ही दिलदार हैं 
हो... 
सच्चा गुरु से जिन्हें प्यार हैं, 

पावन गुरु का दरबार है

पावन गुरु का दरबार है,
दादा बड़े ही दिलदार हैं 
हो... 
सच्चा गुरु से जिन्हें प्यार हैं,