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जो पारस को याद करे...

जो पारस को याद करें, वो लोग निराले होते हैं. 
जो पारस का नाम पुकारे वो किस्मत बाले होते है 
चलो बुलावा आया है पारस ने बुलाया हैं २ 
ओ  पार्श्व प्रभुवर के चरणों में भक्ति करने आया है 

पार्श्व प्रभू से अरज्

हे केशरिया पार्श्वप्रभु एक अरज सुनले ना  
मुझमें जितने अवगुण है 2 बल्दी दूर कर देना 
जगभग 2 ज्योति बरसे झलके अमीरस धारा है 
रुप अनोपम नीरखी बिक से अंतरभाव हमारा है 

 

प्रभू दर्शन की प्यास

प्रभु दर्शन की आज प्यास हैं। 
ढूंढू में तेरा कहां वास है 
मौसम भी आ पहुंचा पुण्याई का 
अब हमको डर कैसा है पापों का 

 

दर्शन की लालसा

दर्शन दो दर्शन दो, इस आ तुम्हारे दर्शन को 
बरसन दो बरसन दो, गुरूवाणी का अमृत बरसन दो 
चरणों में आये भर पार कर दो 2
जग से हमारा उद्धार कर दो 2 

 

स्वरों की गीत माला में प्रभू

स्वरों की गीत माला में प्रभू गुणगान गाया है 2 
चरणों में मस्तक को शरण जीनराज पाया है 
स्वरों के गीत माला में...... 
मिला है पुष्प से भगवान, शरण पापों को हरने का

रे मनवा

चन्दन के दो चौकिये, फूलन के दो हार 
केशार भारिया बाटको पुजों पारसनाथ।   रे मनवा। ......  
प्रभु दर्शन सुख सम्पदा, प्रभु दर्शन नवनीत 
दर्शन से पाशिए, सकल पदारथ सिद्ध।    रे मनवा ...... 

तेरा नाम है कितना प्यारा

तेरा नाम है कितना प्यार आ  
काम लगता है जिनवर सारा 
तेरे दर्श की लगन में हमें
आना पड़ेगा दरबार में दुबारा 

प्रार्थना

अरिहंतो को नमस्कार 
श्री सिद्धों को नमस्कार 
आचार्यों को नमस्कार 
उपाध्यायों को नमस्कार

 

गाओ मिलकर सारे

गाओ मिलकर सारे 2 
वीर प्रभु के चरण कमल में गुंजे गाण हमारे 
गाओ गाओ गुण गाओ रे.......  
भाव भक्ति से प्रेरित होकर, मनुआ गुण गुण गाये,

जनम जनम का दास हूं

जनम जनम का दास हूँ, प्रभू पार्श्व तुम्हारा 
जीवन नैय्या डोल रही है 2 दे दो हमे सहारा 
अपने मन मंदिर में तेरी ज्योत जलाऊँ हो 
अपने मन दर्पन में तेरा ध्यान लगाऊँ 2