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मानुष तन पा करके

स्थाई 
मानुष तनपा करके कभी न मन करे अभिमान 
दिल में बसाले भगवान 
धन का भरोसा क्या, कब लूट जायेगा 

करता हूँ वंदना मोक्षगामी

करता हूँ वन्दना मोक्षगामी 
रह न जाये कोई मेरी साध स्वामी प्रभु पार्श्व स्वामी 
करता हूँ वन्दना 
में तो आया हूँ आस लगाके अब जाऊँगा दर्शन पाके 

मैं नही सुख में कभी तुम्हे याद

मैं नहीं सुख में कभी तुम्हें याद करता हूं 
बस बड़ा भारी यहीं अपराध करता हूँ 
मैं नही 
हूँ सदा करता रहा दुर्ध्यान हर घड़ी

जपलो पारस ने हो...

थारों जनन मरण मिट जासी 
थाने श्रसु पार लागासी 
जीवड़ी आतम पद पा जास 
जपलो पारस ने हो ..  

है पार्श्व तुम्हारे द्वारे पर एक दर्श भिकारी आया है

है पार्श्व तुम्हारे द्वारे पर एक दर्श भिकारी आया है। 
प्रभु दरशन भिक्षा पाने को दो नयन कटोरे लाया है | 
नहीं दुनियाँ में कोई मेरा है आफत ने मुझको घेरा है। 
एक सहारा तेरा है, जग ने मुझ को ठुकराया | 

व्हाला नेमजी

द्वारकारा नाथ नेमी थाने काई लिख भेजू 
कागदियो, हॉरो बोलो 2 कामदियो तो फिर से बोलो 2 
कागदियों तो नैनो नैनो, लागे हो भवरसा 2. 
लागे हो पीयुजी म्हारा, व्हाला नेमजी 

टांबरीया थारा

टांबरीया धारा आया बाबा भोमियां,
झूमता गांवता 2-थारे दरबार में
टांबरीया थांरा...
समकित धारी बाबा के पुकार तो सुनो

कद म्हारो रिष भो घर आसी

सुन सुनरे, सुन सुनरे 2 म्हारा भरत लाडला 
कद म्हारो रिष भो घर आसी -कद म्हारो ...
सुन सुनरे... 
मां मरुदेवी थांरो रिषभ लाडलो 

सर पे काल तेरे झुमे

तेरी जाती है जवानी - ये अनमोल जिन्दगानी 
सर पे काल तेरे झूमे- फिर भी करे क्यों नादानी 
तेरी जाती है..... 
दुनिया की है झूठी रिवाजे झूठे रिस्ते नाते  

महावीर स्वामी - अन्तरयामी

सदियों से तेरा जिनवर दुनिया में नाम था सब की जुबान था। 
महावीर स्वामी-अन्तयामी  
अनुपम त्रिशला मां का सबको पैंगाम  ॥ जग को सन्देश था। 
महावीर स्वामी-अन्तरयामी ॥