शंखेश्वर को नमन करूं, पुजू गोड़ीजी पाय,
नाकोड़ा के दर्शन से, दुःख सकल मिट जाए ।
नाकोड़ा भैरव प्रभु, सुमंधा थारो नाम,
जीवन सफल बनावे जो, सिद्ध सकल हैं धाम ।
Library
हर जनम में भैरव तेरा साथ चाहिए,
सर पे मेरे दादा तेरा हाथ चाहिए ।
सिलसिला ये टूटना नहीं चाहिए,
मुझको तो बस इतनी सी सौगात चाहिए ॥
मेवानगर में पार्श्व प्रभु का द्वारा है,
ऐसा लगता जमी पे स्वर्ग उतारा है,
चारो ओर ही गूंज रहे जयकारे,
आओ प्रभु से मिले...
दादा तेरी तस्वीर सिरहाने रखकर सोते हैं,
यही सोचकर अपने दोनों नैन भीगोते है,
कभी तो तस्वीर से निकलोगे,
कभी तो भेरू दादा पिघलोगे....
नाकोड़ा वाले सुन लेना एक सवाल दीवाने का,
अगर समझ में आ जाए, तो भक्तो को समझा देना ।
हमने अपना नियम निभाया, नाकोड़ा पैदल आने का,
दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं भक्तो के घर आने का ॥
गावो गीत वधावो गुरू ने
मोतीडे चोक पुरावो…
चार-चार आंगण चतुर शु आव्या (२)
गावो गीत रसाली रे…
आज मारे दीवाली… अजवाळी
आव्यो शरणे तमारा जिनवर करजो आश पूरी अमारी
नाव्यो भवपार मारो तुम विण जगमां सार ले कोण मारी
गायो जिनराज आजे हरख अधिकथी परम आनंदकारी
पायो तुम दर्श नासे भव-भय-भ्रमणा नाथ सर्वे अमारी
गिरनार पर प्रभु नेम ना, अभिषेकनो पावन समय
प्रभु नेमिनाथ जिनालये, वातावरण शुभ भावमय
ते परम पावन द्रष्य मारा, नेत्र ने निर्मल करो
नेमिनाथनी अभिषेक धारा, विश्वनु मंगल करे… (1)
शीदने आवडी कीधी उतावळ, बोलो ने गुरु मा..
नेण ढळे छे आंसुने भारे, पाछा वळो गुरु मा..
तमे लीधी विदाय व्हेली
याद नथी भूलवी सहेली…
सद् गुरू सत्य जणावे छे
सद् गुरू धर्म भणावे छे
मने स्थिर बनावे छे मारा गुरू …
सद् गुरू संगे सूख मळे